UPI की शक्ति का असर: भारत में डिजिटल भुगतान में क्रांति आ गई

UPI की शक्ति का असर: भारत में डिजिटल भुगतान में क्रांति आ गई

ठीक एक दशक पहले, भारत में अधिकांश लेनदेन में नकद राशि का उपयोग किया जाता था, और कार्ड से भुगतान करने की बात आती थी तो बड़े पैमाने पर झिझक महसूस होती थी। क्या आप वे दिन याद कर पाते हैं, जब पैसे के बदले कैंडी दे देना एक आम बात हुआ करती थी? हालांकि, हमने अपनी आँखों के ठीक सामने इसमें हुए बड़े परिवर्तन को देखा है, एक डिजिटल भुगतान क्रांति के रूप में, जिसने हमारे भुगतान करने के तरीके को पूरी तरह से बदल दिया। इसने भुगतान प्रक्रिया को परेशानी मुक्त, तनाव मुक्त, सुरक्षित और अविश्वसनीय रूप से आसान बना दिया।

अब हर कोई UPI से भुगतान स्वीकार करता है, कैब ड्राइवर/ऑटो रिक्शा ड्राइवर से लेकर वैलेट पार्किंग तक, सब्जी विक्रेता से लेकर टोल भुगतान तक, बिजली बिल से लेकर ब्रॉडबैंड कनेक्शन तक, सभी। यहाँ तक कि हमारी पसंदीदा चाय और समोसे (भारतीय प्रसिद्ध स्नैक्स) के दुकान वाले भी UPI भुगतान स्वीकार करते हैं, जो भारत जैसे अत्यंत रूढ़िवादी और पारंपरिक देश में अविश्वसनीय लग सकता है।

यह वास्तविक नीतिगत समस्याओं पर तकनिकी समाधान में भारत की रुचि और दक्षता का एक उदाहरण है UPI, जिस ने दुनिया का ध्यान भारत की इनोवेशन क्षमताओं की ओर खींचा है।
यह क्रांतिकारी अवधारणा न केवल भारत में भुगतान के बुनियादी ढांचे का पुनर्निर्माण कर रही है, बल्कि एक कुशल, सरल और स्केलेबल रियल-टाइम भुगतान प्रणाली के निर्माण में, यह प्रणाली अन्य देशों के लिए एक केस स्टडी के रूप में भी उभरी है।

आप पिछले दशक में भारत के डिजिटल लेनदेन ग्राफ पर, प्रतिष्ठित संगठन की हालिया विश्लेषण रिपोर्ट को देख सकते हैं।

UPI क्या होता है:

UPI का फुल फॉर्म, यूनिफ़इड पेमेंट्स इंटरफ़ेस है। यह भारत की कैशलेस (नकद-रहित) अर्थव्यवस्था की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित हुआ है। इस इनोवेटिव प्लेटफ़ॉर्म की मदद से विभिन्न व्यक्ति अपने स्मार्टफ़ोन को वर्चुअल डेबिट कार्ड के रूप में उपयोग कर सकते हैं, जिससे एक बाधा-रहित और सुरक्षित लेनदेन संभव हो पाता है। UPI के कारण अब उपयोगकर्ताओं के पास आसानी से धनराशि भेजने और प्राप्त करने की क्षमता है, यह डिजिटल वित्तीय सुविधा के एक नए युग की शुरुआत है।

यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI) एक ऐसी प्रणाली है जो कई बैंक खातों को एक ही मोबाइल एप्लिकेशन (किसी भी भाग लेने वाले बैंक के) के माध्यम से लेनदेन करने में समर्थ बनाती है, कई बैंकिंग सुविधाओं, निर्बाध फंड राउटिंग और मर्चेंट भुगतान को एक ही छत्र (One Hood) में विलय कर देती है। यह “पीयर टू पीयर” यानि “सीधे दो पक्षों के बीच” लेनदेन अनुरोध को भी पूरा करता है जिसे आवश्यकता और सुविधा के अनुसार शेड्यूल और भुगतान किया जा सकता है।

UPI में ऐसी क्या ख़ास बात है?

  • धनराशि का रियल-टाइम ट्रांसफ़र: अपने मोबाइल डिवाइस के माध्यम से, कभी भी, कहीं भी, यहाँ तक कि सप्ताहांत और छुट्टियों के दिन में भी धनराशि को रियल-टाइम में तुरंत ट्रांसफ़र करने की सुविधा का आनंद लें।
  • संयुक्त बैंकिंग: अपने बैंकिंग अनुभव को व्यवस्थित करते हुए, एक ही मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से कई बैंक खातों को ऐक्सेस करें।
  • सुरक्षित सिंगल क्लिक प्रमाणीकरण: प्लेटफ़ॉर्म एक मजबूत और निर्बाध सिंगल-क्लिक भुगतान सुविधा प्रदान करते हुए नियामक दिशानिर्देशों का पालन करता है, जिससे बेहतर सुरक्षा सुनिश्चित होती है।
  • वर्चुअल कस्टमर एड्रेस: हमारी पुल एंड पुश फ़ीचर की मदद से, आप कार्ड नंबर, खाता संख्या या IFSC कोड जैसे संवेदनशील विवरण दर्ज़ किए बिना, सुरक्षा के अतिरिक्त स्तरों को प्रदान करके लेनदेन कर सकते हैं।
  • QR कोड एकीकरण: QR कोड को स्कैन करके अपने भुगतान को सरल बनाएँ, नकदी को साथ ले जाने की आवश्यकता को खत्म करें या कैश ऑन डिलीवरी ऑर्डर के लिए सटीक बदलाव करें।
  • व्यापारी को भुगतान करना आसान बनाया: एक ही एप्लिकेशन या इन-ऐप भुगतान का उपयोग करके व्यापारियों को आसानी से भुगतान करें, जिससे सुविधा और दक्षता में वृद्धि होगी।
  • विविध भुगतान विकल्प: यूटिलिटी बिलों का भुगतान करें, ओवर-द-काउंटर भुगतान करें, और स्कैन-एंड-पे जैसे त्वरित और सुविधाजनक लेनदेन के लिए QR कोड का उपयोग करें।
  • सुव्यवस्थित दान और अदायगी: आपकी वित्तीय गतिविधियों के लिए मापनीयता सुनिश्चित करते हुए, दान, कलेक्शन और अदायगी को निर्बाध रूप से प्रबंधित करें।
  • मोबाइल के ज़रिए शिकायत समाधान: सीधे मोबाइल एप्लिकेशन से शिकायतें आसानी से दर्ज़ करें, जिससे आपके सामने आने वाली किसी भी समस्या का त्वरित और कुशल समाधान संभव हो सके।

UPI का वर्तमान परिदृश्य:

भारतीय अर्थव्यवस्था में बदलाव के पहिये ने पहले ही घूमना शुरू कर दिया है। जनवरी 2023 में, यूनिफ़ाइड पेमेंट इंटरफ़ेस (UPI) पर आठ बिलियन लेनदेन हुए हैं जो कि 800 करोड़ के बराबर हैं, जिनकी कीमत लगभग 200 बिलियन डॉलर (लगभग 2 लाख करोड़ रुपये) थी। UPI के लिए जिम्मेदार शासकीय निकाय, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के अनुसार, डिजिटल भुगतान अब देश में सभी वित्तीय लेनदेन का 40% हिस्सा रखता है, जो कि एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। यह परिवर्तनकारी बदलाव, नकदी पर भारत की पारंपरिक निर्भरता पर होने वाले एक बहुत बड़े बदलाव का संकेत देता है, जो इसके आर्थिक परिदृश्य में एक नए युग की शुरुआत का संकेत देता है।

UPI के प्रमुख स्तंभ:

भारत ने सफलतापूर्वक एक घरेलू त्वरित (इंस्टेंट) भुगतान प्रणाली का निर्माण किया है जिसने व्यापर करने के स्वरूप को बदल दिया है और लाखों व्यक्तियों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में ले आई है। यह उपलब्धि सरकार द्वारा की गई पहल और मजबूत सार्वजनिक-निजी भागीदारी के संयोजन से संभव हो पाई है।

इस नेटवर्क के माध्यम से, भारत ने अभूतपूर्व पैमाने पर प्रदर्शन किया है कि कैसे तेजी से तकनीकी इनोवेशन विकासशील देशों पर परिवर्तनकारी प्रभाव डाल सकता है, जिससे आर्थिक विकास को गति मिल सके। भारत का लक्ष्य इस सार्वजनिक-निजी मॉडल को विश्व भर में फैलाना और खुद को उन विचारों के इनक्यूबेटर यानि नए व्यवसायों को आगे बढ़ाने और विकसित करने वाले के रूप में स्थापित करना है, जो दुनिया भर के गरीब देशों का उत्थान कर सकते हैं। इस प्रयास के मूल कारक हैं, विशिष्ट JAM की तिगड़ी – J यानि, जन धन खाते, A यानि, आधार और M यानि मोबाइल – ये वे तीन स्तंभ हैं जिन्होंने भारत के संपूर्ण आर्थिक इकोसिस्टम में क्रांति ला दी है।

पहला स्तंभ है, पीएम जन धन योजना, जिसे इस उद्देश्य से शुरू किया गया था कि प्रत्येक वयस्क भारतीय के पास बैंक खाता हो जिसके माध्यम से वित्तीय समावेशन (financial inclusion) किया जा सके। 2022 तक बड़े पैमाने पर 46.25 करोड़ बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें से 56% महिलाओं के बैंक खाते हैं और 67% ग्रामीण और अर्ध-शहरी (semi-urban) क्षेत्रों में खोले गए हैं, परिणामस्वरूप जिसकी कुल धनराशि है 1,73,954 करोड़ रूपये।

दूसरा स्तंभ है, आधार, जिसने भारत में पहचान सेवाओं (आइडेंटिटी सर्विसेस) को बदल दिया है। आधार आईडी एक डिजिटल प्रमाणीकरण टूल के रूप में कार्य करता है, जो टू-फैक्टर प्रमाणीकरण या बायोमेट्रिक आईडी का उपयोग करता है। आधार-आधारित प्रमाणीकरण बैंकों और टेलिकॉम कंपनियों जैसे संस्थानों के लिए महत्वपूर्ण बन गया है। आज 99% वयस्कों के पास बायोमेट्रिक पहचान संख्या (आइडेंटिफिकेशन नंबर) है, साथ ही 1.3 बिलियन से अधिक आईडी जारी की जा चुकी हैं। इन आईडी ने बैंक खाते खोलने की प्रक्रिया को सुव्यवस्थित किया है और तत्काल भुगतान प्रणाली (इंस्टेंट पेमेंट सिस्टम) की नींव तैयार की है।

तीसरा स्तंभ मोबाइल पर केंद्रित है, जो भारत के दूरसंचार क्षेत्र (टेलिकॉम सेक्टर) में उल्लेखनीय डिजिटल इनोवेशन को उजागर करता है। 2016 में इस क्षेत्र में एक निजी कंपनी के सबकुछ बदलने वाले प्रवेश से, डेटा लागत में 95% की गिरावट आई। परिणामस्वरूप, प्रत्येक भारतीय को इंटरनेट तक सस्ती और आसान पहुँच प्राप्त हुई। इस ने भारत में ई-कॉमर्स, खाद्य वितरण और OTT कंटेंट जैसे क्षेत्रों को फलने-फूलने के लिए प्रेरित किया। सबसे महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि इसने डिजिटल भुगतान प्रणालियों को देश के सबसे दूरदराज़ के क्षेत्रों और सबसे निम्न समझे जाने वाले व्यक्तियों तक भी सुलभ बना दिया है।

UPI पर वैश्विक दृष्टिकोण:

भारत की डिजिटल भुगतान प्रणालियाँ, जैसे कि यूनिफ़ाइड पेमेंट्स इंटरफ़ेस (UPI), विश्व का ध्यान अपनी ओर आकर्षित कर रही हैं क्योंकि वे सीमा पार से निर्बाध लेनदेन की सुविधा प्रदान करती हैं और फंड ट्रांसफ़र और प्रेषण भुगतान से जुड़ी लागत को कम करती हैं। इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण UPI और सिंगापुर के PayNow के बीच हाल ही में हुआ इंटीग्रेशन (एकीकरण) है, जो पीयर-टू-पीयर भुगतान प्रणालियों के माध्यम से दोनों देशों के निवासियों के बीच त्वरित धन हस्तांतरण (इंस्टेंट मनी ट्रांसफ़र) की सुविधा उपलब्ध कराता है।

इस प्रगति के अलावा, UPI भुगतान सुविधा को जल्द ही G20 देशों से आने वाले विदेशी यात्रियों के लिए भी बढ़ाया जाएगा, जिससे उन्हें आसानी से व्यापार से संबंधित भुगतान करने की सुविधा प्राप्त होगी। इसके अलावा, चुनिंदा अंतरराष्ट्रीय देशों में रहने वाले अनिवासी भारतीयों (NRIs) को भारतीय मोबाइल नंबर की आवश्यकता के बिना UPI प्लेटफार्मों पर लेनदेन करने का अवसर मिलेगा।

UPI और RuPay सहित भारतीय डिजिटल भुगतान प्रणालियों ने सिंगापुर, संयुक्त अरब अमीरात, ओमान, सऊदी अरब, मलेशिया, फ्रांस, BENELUX बाजारों (बेल्जियम, नीदरलैंड और लक्ज़मबर्ग) और स्विट्जरलैंड जैसे देशों तक अपनी पहुँच को बढ़ाया है। इसके अलावा, भारत ने 13 देशों के साथ समझौता ज्ञापन (Memorandums of Understanding – MoUs) पर हस्ताक्षर किए हैं, जिसका उद्देश्य डिजिटल भुगतान के लिए UPI इंटरफ़ेस को अपनाना है, जो भारत के मजबूत भुगतान बुनियादी ढांचे में अंतरराष्ट्रीय हित को उजागर करता है।

UPI ने लेनदेन के तरीके में क्रांति ला दी है, जिससे लाखों उपयोगकर्ताओं को सुविधा, पहुँच और सुरक्षा प्राप्त हुई है। विभिन्न प्लेटफार्मों पर अपने सहज एकीकरण और तत्काल, पीयर-टू-पीयर यानि दो पक्षों के बीच सीधे लेनदेन की सुविधा देने की क्षमता के कारण, UPI वित्तीय समावेशन और आर्थिक विकास के लिए एक मुख्य स्रोत बन गया है। जैसे-जैसे भारत UPI की शक्ति को अपनाता जा रहा है, हम डिजिटल भुगतान के परिदृश्य में और अधिक प्रगति और इनोवेशन की उम्मीद कर सकते हैं, जो अंततः देश के लिए अधिक कनेक्टेड और कैशलेस यानि नकद-रहित भविष्य को आकार देगा।

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Ref. No – FLB07231038

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